Q. वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र पर क्रिप्टोकरेंसी के बढ़ते चलन के निहितार्थ पर चर्चा कीजिये । क्रिप्टोकरेंसी विनियमन के लिए एक संतुलित दृष्टिकोण सुनिश्चित करने हेतु सरकारों और नियामक प्राधिकरणों को इन चुनौतियों का समाधान कैसे करना चाहिए? (250 शब्द, 15 अंक)

उत्तर:

दृष्टिकोण:

  • परिचय: क्रिप्टोकरेंसी के उदय और महत्व को बताते हुए शुरुआत कीजिए। 
  • मुख्य विषयवस्तु
    • अन्वेषण कीजिए कि विकेंद्रीकृत संस्थाओं के रूप में क्रिप्टोकरेंसी, पारंपरिक वित्तीय प्रणाली को कैसे प्रभावित कर रही हैं।
    • क्रिप्टोकरेंसी द्वारा प्रस्तुत जटिलताओं और अस्पष्टताओं का विश्लेषण कीजिए, जिन्हें सरकारों और नियामकों (regulators) को संबोधित करने की आवश्यकता है।
    • इस संबंध में संभावित समाधानों और रूपरेखाओं का वर्णन कीजिए जो सुरक्षा और सार्वजनिक हित के साथ नवाचार को संतुलित करते हुए बीच का रास्ता पेश कर सकें।
  • निष्कर्ष: उभरते वित्तीय परिदृश्य में क्रिप्टोकरेंसी विनियमन के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए निष्कर्ष निकालिए।

परिचय:

बिटकॉइन और एथेरियम के नेतृत्व में क्रिप्टोकरेंसी को पिछले एक दशक में अभूतपूर्व रूप से अपनाया गया है। पारंपरिक वित्तीय प्रणालियों से विकेंद्रीकृत डिजिटल परिसंपत्तियों की ओर यह बदलाव वैश्विक वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए अवसर और चुनौतियां दोनों प्रस्तुत करता है।

मुख्य विषयवस्तु:

वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए निहितार्थ:

  • विकेंद्रीकरण और अल्प मध्यस्थता
    • क्रिप्टोकरेंसी विकेंद्रीकृत नेटवर्क पर काम करती है, जिससे बैंकों जैसे मध्यस्थों की आवश्यकता समाप्त हो जाती है। इसने वित्तीय प्रणालियों तक पहुंच को लोकतांत्रिक बना दिया है, खासकर सीमित बैंकिंग बुनियादी ढांचे वाले क्षेत्रों में।
    • उदाहरण के लिए, पारंपरिक बैंकिंग कार्य अवधि और शुल्कों को दरकिनार करते हुए, बिटकॉइन लेनदेन को किसी भी समय संसाधित किया जा सकता है।
  • ऊर्जा की खपत:
    • जैसा कि एथेरियम के PoW से PoS में संक्रमण(एथेरियम मर्ज ,एक सॉफ्टवेयर अपग्रेड को संदर्भित करता है जिसने एथेरियम के सर्वसम्मति तंत्र को प्रूफ-ऑफ-वर्क प्रोटोकॉल से प्रूफ-ऑफ-स्टेक सिस्टम में बदल दिया।) द्वारा उजागर किया गया है, क्रिप्टोकरेंसी, विशेष रूप से बिटकॉइन का पर्यावरणीय प्रभाव एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय रहा है।
    • खनन से जुड़ी विशाल ऊर्जा खपत का दीर्घकालिक पर्यावरणीय प्रभाव हो सकता है, इस प्रकार यह एक ऐसा पहलू है जिसे वित्तीय दुनिया नजरअंदाज नहीं कर सकती है।
  • बाज़ार में अस्थिरता:
    • क्रिप्टोकरेंसी अपनी अस्थिरता के लिए जानी जाती है।
    • इसके मूल्य में तीव्र उतार-चढ़ाव से निवेशकों को महत्वपूर्ण वित्तीय लाभ या हानि हो सकती है और  वित्तीय बाजार में तरलता  प्रभावित हो सकती है।
  • नए निवेश के रास्ते:
    • क्रिप्टोकरेंसी एक नए परिसंपत्ति वर्ग के रूप में उभरी है, जो निवेश पोर्टफोलियो में विविधता ला रही है और संभावित रूप से पारंपरिक बाजार मंदी के खिलाफ बचाव कर रही है।

सरकारों और नियामक प्राधिकरणों के समक्ष चुनौतियाँ:

  • उपभोक्ता संरक्षण: क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े स्पष्ट नियमों की कमी ने निवेशकों को उच्च जोखिमों के प्रति संवेदनशील बना दिया है, गौरतलब है कि नियामकों के अभाव के कारण क्रिप्टो क्षेत्र में लोगों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ा है।
  • कराधान और एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग (एएमएल): क्रिप्टोकरेंसी की छद्म-गुमनाम प्रकृति कर उद्देश्यों के लिए लेनदेन को ट्रैक करने और अवैध गतिविधियों को रोकने में चुनौतियां पैदा करती है।
  • सीमा पार निहितार्थ: क्रिप्टोकरेंसी सीमाओं से परे संचालित होती है, जिससे अलग-अलग देशों के लिए नियंत्रण स्थापित करना या नियमों को लागू करना चुनौतीपूर्ण हो जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी विनियमन के प्रति संतुलित दृष्टिकोण:

  • मौजूदा ढांचे से सीखना: यूरोपीय संघ का MiCA एक व्यापक ढांचा प्रदान करता है, जो क्रिप्टो प्लेटफार्मों, संचालन और ट्रेडों के लिए नियमों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है। विभिन्न देशों की सरकारें अपने नियामक उपायों को तैयार करने के लिए ऐसे अग्रणी प्रयासों से अंतर्दृष्टि प्राप्त कर सकती हैं।
  • सहयोगात्मक वैश्विक प्रयास: आईएमएफ (IMF) और एफएसबी (FSB) जैसे प्रमुख वित्तीय निकायों के निष्कर्षों का संश्लेषण वैश्विक नियामक संरेखण के लिए एक आधार के रूप में काम कर सकता है। क्रिप्टोकरेंसी की सीमाहीन प्रकृति को देखते हुए ऐसा अंतर्राष्ट्रीय समन्वय महत्वपूर्ण है।
  • पारदर्शिता को बढ़ावा देना: सरकारों को धन के स्रोत, लेनदेन के विवरण और विनिमय दरों के बारे में खुलासे को अनिवार्य बनाना चाहिए। यह न केवल निवेशकों की सुरक्षा करता है, बल्कि दुरुपयोग के खिलाफ सिस्टम को मजबूत भी करता है।
  • हरित ब्लॉकचेन प्रथाओं को प्रोत्साहित करना: विभिन्न देशों की सरकारें अधिक ऊर्जा-कुशल सर्वसम्मति तंत्र पर जोर देते हुए, क्रिप्टोकरेंसी डोमेन के भीतर पर्यावरण के अनुकूल प्रथाओं को बढ़ावा दे सकती हैं।

निष्कर्ष

क्रिप्टोकरेंसी का बढ़ता चलन निस्संदेह वित्तीय परिदृश्य को बदल रहा है, जिससे इस क्षेत्र में क्रांतिकारी संभावनाएं और जटिल चुनौतियां दोनों सामने आ रही हैं। सरकारों और नियामक अधिकारियों के लिए जरूरी है कि वे उपभोक्ताओं की सुरक्षा, पारदर्शिता सुनिश्चित करने और आर्थिक स्थिरता को बनाए रखने वाले मजबूत ढांचे की स्थापना करते हुए इन डिजिटल परिसंपत्तियों की परिवर्तनकारी क्षमता को अपनाने में विशेष अनुसंधान करें। इस प्रकार वैश्विक अंतर्दृष्टि और सक्रिय घरेलू उपायों का समामेलन पारंपरिक वित्त और डिजिटल मुद्रा क्षेत्र के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

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