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Answer:
दृष्टिकोण:
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भूमिका:
पॉटर स्टीवर्ट का उद्धरण, “आपको क्या करने का अधिकार है और आपको क्या करना उचित है के बीच के अंतर को जानना नैतिकता है।” न केवल हमारे पास क्या करने का कानूनी या नैतिक अधिकार है, बल्कि नैतिक रूप से क्या सही है, इसके महत्व पर भी जोर देता है।
मुख्य भाग:
उद्धरण को स्पष्ट करने के लिए यहां कुछ उदाहरण दिए गए हैं:
उदाहरण के लिए, जब सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल कामरा सरकारी नीतियों की आलोचना करते हैं, तो वह घृणास्पद भाषण का सहारा लिए बिना अपनी असहमति व्यक्त करके जिम्मेदारी से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने अधिकार का प्रयोग करते हैं।
उदाहरण के लिए, जब UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) को आधार डेटा उल्लंघनों से निपटने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ता है, तो यह गोपनीयता के अधिकार का सम्मान करने और व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के लिए उचित उपाय करने के महत्व पर प्रकाश डालता है।
उदाहरण – पर्यावरण कार्यकर्ता सुंदरलाल बहुगुणा का मामला, जिन्होंने जंगलों के संरक्षण के लिए लड़ाई लड़ी और टिहरी बांध के निर्माण के खिलाफ आवाज़ उठाई, साथ ही सतत विकास की वकालत की और स्थानीय समुदायों के अधिकारों के रक्षा की मांग भी की।
उदाहरण के लिए, जब कार्यकर्ता मेधा पाटकर अन्यायपूर्ण भूमि अधिग्रहण और विस्थापन के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करती हैं, तो वह अहिंसा और सार्वजनिक सुरक्षा के सम्मान के नैतिक सिद्धांतों का पालन करते हुए विरोध करने के अपने अधिकार का प्रयोग करती हैं।
निष्कर्ष:
इन सभी उदाहरणों में, नैतिक विचार कानूनी या व्यक्तिगत अधिकारों से परे हैं और हमें दूसरों पर हमारे कार्यों के प्रभाव पर विचार करने और उचित तरीके से कार्य करने की आवश्यकता है। ऐसा करके, हम एक अधिक न्यायपूर्ण और न्यायसंगत समाज का निर्माण कर सकते हैं, जहां सभी व्यक्तियों के अधिकारों का सम्मान और सुरक्षा की जा सकेगी।
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