प्रश्न की मुख्य माँग
- चर्चा कीजिए कि भारत का सब-सी केबल (Subsea Cable ) इन्फ्रास्ट्रक्चर घरेलू विकास के लिए किस प्रकार महत्त्वपूर्ण है।
- चर्चा कीजिए कि भारत का सब-सी केबल (Subsea Cable ) इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रीय और वैश्विक डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए किस प्रकार महत्त्वपूर्ण है।
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उत्तर
भारत का सब–सी केबल इन्फ्रास्ट्रक्चर इसके डिजिटल इकोसिस्टम की रीढ़ के रूप में कार्य करता है, जो 95% से अधिक अंतरराष्ट्रीय डेटा एक्सचेंज की सुविधा प्रदान करता है। मुंबई, चेन्नई और कोच्चि में रणनीतिक लैंडिंग पॉइंट के साथ, यह नेटवर्क देश की आर्थिक वृद्धि , तकनीकी उन्नति और वैश्विक डिजिटल एकीकरण के लिए महत्त्वपूर्ण है ।
भारत का सब-सी केबल (Subsea Cable ) इन्फ्रास्ट्रक्चर: घरेलू विकास के लिए आवश्यक
- डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देता है: मजबूत सब-सी नेटवर्क भारत के IT और BPO सेक्टर को हाई-स्पीड, विश्वसनीय कनेक्टिविटी सुनिश्चित करके मजबूत बनाता है।
- उदाहरण: I-ME-WE केबल सिस्टम भारत को मध्य पूर्व देशों से होते हुए यूरोप से जोड़ता है, जो डेटा-गहन उद्योगों की सहायता करता है।
- 5G और क्लाउड सेवाओं में सहायता करता है: 5G के रोलआउट और क्लाउड कंप्यूटिंग के विस्तार के लिए उच्च क्षमता वाले केबल आवश्यक हैं।
- उदाहरण: बे ऑफ बंगाल गेटवे (BBG) भारत और दक्षिण-पूर्व एशिया के बीच सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करता है, जिससे लो-लेटेन्सी वाली सेवाएँ मिलती हैं।
- डिजिटल डिवाइड को कम करना: सब-सी केबल दूरदराज के क्षेत्रों तक इंटरनेट की पहुँच बढ़ाते हैं, जिससे समावेशी विकास को बढ़ावा मिलता है।
- उदाहरण: चेन्नई-अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह (CANI) केबल परियोजना अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में कनेक्टिविटी बढ़ाती है।
- ई-गवर्नेंस को बढ़ावा: विश्वसनीय बुनियादी ढाँचा ऑनलाइन सरकारी सेवाओं की कुशल डिलीवरी को सक्षम बनाता है।
- उदाहरण: राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (NeGP) पूरे भारत में सेवाएँ प्रदान करने के लिए मजबूत कनेक्टिविटी का लाभ उठाती है।
- विदेशी निवेश को आकर्षित करता है: मजबूत डिजिटल बुनियादी ढाँचा भारत को वैश्विक प्रौद्योगिकी निवेश के लिए एक आकर्षक गंतव्य बनाता है।
- उदाहरण: मेटा के प्रोजेक्ट वाटरवर्थ का उद्देश्य भारत को अमेरिका से जोड़ना है, जिससे डिजिटल सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
भारत का सब-सी केबल (Subsea Cable) इन्फ्रास्ट्रक्चर: क्षेत्रीय और वैश्विक डिजिटल कनेक्टिविटी के लिए आधार स्तंभ
क्षेत्रीय संपर्क
- दक्षिण एशिया के संबंधों को मजबूत करता है: केबल, क्षेत्रीय सहयोग और डेटा विनिमय को बढ़ाते हैं।
- उदाहरण: SEA-ME-WE 4 केबल भारत को पड़ोसी देशों से जोड़ता है, जिससे क्षेत्रीय एकीकरण को बढ़ावा मिलता है।
- आसियान देशों के साथ संपर्क को बढ़ावा: बेहतर कनेक्टिविटी भारत की एक्ट ईस्ट नीति में सहायता करती है।
- उदाहरण: BBG प्रणाली भारत को मलेशिया और सिंगापुर से जोड़ती है, जिससे व्यापार और संचार में वृद्धि होती है।
- सार्क सहयोग को बढ़ावा देता है: साझा बुनियादी ढाँचा आर्थिक और तकनीकी साझेदारी को बढ़ावा देता है।
- उदाहरण: दक्षिण एशिया उप-क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग (SASEC) कार्यक्रम, क्षेत्रीय विकास के लिए कनेक्टिविटी का उपयोग करता है।
- मध्य पूर्व संबंधों को मजबूत करता है: केबल ऊर्जा और व्यापार संबंधों को सुगम बनाते हैं।
- उदाहरण: यूरोप इंडिया गेटवे (EIG) भारत को मध्य पूर्व से जोड़ता है, जो रणनीतिक साझेदारी के निर्माण में मदद करता है।
वैश्विक कनेक्टिविटी
- भारत को डिजिटल हब के रूप में स्थापित करना: रणनीतिक अवस्थिति, भारत को वैश्विक नेटवर्क में एक केंद्रीय नोड बनाती है।
उदाहरण: 2 अफ्रीका पर्ल्स परियोजना भारत से यूरोप और अफ्रीका तक कनेक्टिविटी बढ़ाती है।
- AI और बिग डेटा अनुप्रयोगों को सक्षम बनाता है: हाई-स्पीड केबल, डेटा-गहन प्रौद्योगिकियों में सहायता करते हैं।
- उदाहरण: मेटा का प्रोजेक्ट वाटरवर्थ AI विकास के लिए बुनियादी ढाँचे में वृद्धि करता है।
- वैश्विक मार्गों में विविधता: कई केबलों के कारण पारंपरिक मार्गों पर निर्भरता कम हो जाती है।
- उदाहरण: भारत-यूरोप-एक्सप्रेस (IEX) यूरोप के लिए वैकल्पिक मार्ग प्रदान करता है, जिससे लचीलापन बढ़ता है।
- वैश्विक वित्तीय प्रणालियों का समर्थन करता है: अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग और वित्त के लिए विश्वसनीय कनेक्टिविटी महत्त्वपूर्ण है।
- उदाहरण: सब-सी केबल भारत में संचालित वैश्विक वित्तीय संस्थानों के लिए रियलटाइम लेन-देन की सुविधा प्रदान करते हैं।
भारत की सब-सी केबल अवसंरचना उसके घरेलू डिजिटल विकास और वैश्विक कनेक्टिविटी केंद्र के रूप में उसके उभरने के लिए अभिन्न अंग है। इस क्षेत्र में रणनीतिक निवेश और सहयोग अंतरराष्ट्रीय डिजिटल परिदृश्य में भारत की स्थिति को मजबूत करने में सहायक होंगे।
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