Q. ब्रिटिश भारत में 1907 में हुए सूरत विभाजन के कारणों और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पर इसके प्रभाव की पुष्टि कीजिए। (10 अंक, 150 शब्द) अतिरिक्त

उत्तर:

दृष्टिकोण:

  • प्रस्तावना: 1907 में हुए सूरत विभाजन के बारे में संक्षेप में लिखिए।
  • मुख्य विषयवस्तु:
    • 1907 में हुए सूरत विभाजन के लिए उत्तरदायी कारकों की पुष्टि कीजिए।
    • 1907 में हुए सूरत विभाजन का भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पर प्रभावों को लिखिए।
  • निष्कर्ष: इस संबंध में उचित निष्कर्ष दीजिए।

 

प्रस्तावना:

सन 1907 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का अधिवेशन सूरत में हुआ। 1907 के सूरत विभाजन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना थी। यह विभाजन रासबिहारी घोष की अध्यक्षता में आयोजित कांग्रेस के सूरत अधिवेशन के दौरान हुआ।

मुख्य विषयवस्तु:

1907 के सूरत विभाजन के लिए अग्रणी कारक

  • स्वदेशी आंदोलन: अतिवादी इस आंदोलन को बंगाल के बाहर ले जाना चाहते थे जबकि नरमपंथियों ने इस विस्तार का विरोध किया और उनका विचार था कि इसे बंगाल के भीतर ही सीमित रखा जाना चाहिए।
  • मॉर्ले-मिंटो सुधार: अंग्रेजों से सहयोग चाहने वाले नरमपंथी इन सुधारों के संबंध में बातचीत कर रहे थे। वे अतिवादी नेताओं के कट्टरपंथी कदमों का समर्थन करने में अनिच्छुक थे, जिससे कांग्रेस के भीतर मतभेद पैदा हो गया।
  • उग्रवादी-उदारवादी विभाजन: बाल गंगाधर तिलक के नेतृत्व में अतिवादियों ने आंदोलन के कट्टरपंथी तरीकों की वकालत की, जबकि गोपाल कृष्ण गोखले के नेतृत्व में नरमपंथियों ने अधिक सतर्क और संवैधानिक दृष्टिकोण का समर्थन किया।
    • सूरत में सत्र: सत्र में गुटों के बीच तीखी बहस और शारीरिक झड़पें हुईं, जिससे विभाजन हुआ। अतिवादी अंततः कांग्रेस से बाहर निकल गए, जबकि नरमपंथी कांग्रेस के भीतर ही बने रहे।
    • मुस्लिम लीग की भूमिका: नरमपंथियों का झुकाव मुस्लिम लीग के साथ सहयोग की ओर अधिक था, जबकि अतिवादियों का ध्यान कांग्रेस के भीतर हिंदू-मुस्लिम एकता पर था।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पर सूरत विभाजन, 1907 का प्रभाव

  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) को गंभीर क्षति पहुंची: क्योंकि इससे पार्टी के भीतर नरमपंथियों और अतिवादियों के बीच विभाजन हो गया, जिससे इसकी एकता और प्रभावशीलता कमजोर हो गई।
  • अतिवादी गुट का उदय: सूरत विभाजन ने कांग्रेस के भीतर अतिवादी गुट के उदय को चिह्नित किया। तिलक के नेतृत्व में इसने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के प्रति अधिक आक्रामक और अतिवादी दृष्टिकोण की वकालत करना शुरू कर दिया।
  • कांग्रेस सत्रों पर प्रभाव: इससे पार्टी के भीतर अशांति और ध्रुवीकरण का दौर शुरू हो गया, जिसमें विभिन्न गुटों में नियंत्रण के लिए होड़ मच गई। 1908 में विभाजन के बाद मतभेदों को सुलझाने में असमर्थता के कारण सत्र मद्रास में आयोजित करना पड़ा।
  • नेतृत्व शैलियों का टकराव: विभाजन से गोखले और तिलक के बीच नेतृत्व शैलियों में टकराव का भी पता चला। गोखले अधिक सतर्क और कूटनीतिक दृष्टिकोण में विश्वास करते थे, ब्रिटिश अधिकारियों के साथ सहयोग करना चाहते थे, जबकि तिलक अधिक मुखर और अतिवादी नेता थे, जो जन लामबंदी और सीधे टकराव की वकालत करते थे।
  • भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर प्रभाव: इस विभाजन ने भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन में एक महत्वपूर्ण मोड़ ला दिया। इसने भारतीय राष्ट्रवादियों के एक वर्ग के बढ़ते कट्टरपंथ पर प्रकाश डाला, जो स्वशासन की दिशा में धीमी प्रगति से निराश थे और क्रांतिकारी तरीकों को अपनाने के लिए अधिक इच्छुक थे। उदाहरण- लाला लाजपत राय, बी.जी. तिलक आदि।

निष्कर्ष:

कुल मिलाकर, 1907 में हुए कांग्रेस के सूरत विभाजन ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को नरमपंथियों और अतिवादियों के बीच विभाजित कर दिया, जिससे बाद के आंदोलनों को आकार मिला और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की दिशा प्रभावित हुई।

 

To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

Need help preparing for UPSC or State PSCs?

Connect with our experts to get free counselling & start preparing

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      
Quick Revise Now !
AVAILABLE FOR DOWNLOAD SOON
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध
Quick Revise Now !
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.