Q. सभी सिविल सेवकों को प्रदान किए गए नियम और विनियम समान हैं, फिर भी प्रदर्शन में अंतर है। सकारात्मक सोच वाले अधिकारी नियमों और विनियमों के मामले के पक्ष में व्याख्या करने और सफलता प्राप्त करने में समर्थ होते हैं, जबकि नकारात्मक सोच वाले अधिकारी मामले के खिलाफ समान नियमों और विनियमों की व्याख्या करके लक्ष्य प्राप्त करने में असमर्थ होते हैं। सोदाहरण विवेचन कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)

उत्तर:

दृष्टिकोण:

  • भूमिका: उपरोक्त कथन पर अपने विचार लिखिए और इसे सिविल सेवाओं से जोड़िए।
  • मुख्य विषयवस्तु:
    1. नियमों एवं विनियमों के संबंध में सकारात्मक एवं नकारात्मक अधिकारियों के दृष्टिकोण का उल्लेख कीजिये
    2. उदाहरण के साथ पुष्टि कीजिये
  • निष्कर्ष: आगे की राह

 भूमिका:

यह सच है कि सभी सिविल सेवकों को उनके आचरण को नियंत्रित करने के लिए समान नियम और विनियम प्रदान किए जाते हैं। हालाँकि, सिविल सेवकों का प्रदर्शन, उनकी मानसिकता और इन नियमों और विनियमों के प्रति दृष्टिकोण के आधार पर काफी भिन्न हो सकता है।

मुख्य विषयवस्तु:

  • सकारात्मक सोच वाले अधिकारी नियमों और विनियमों की व्याख्या इस तरह से करते हैं, जो मौजूदा मामले में फायदेमंद हो। वे नियमों को कठोर कानून ना मानते हुए उन्हें निष्पक्ष और न्यायसंगत तरीके से लागू किए जाने वाले दिशानिर्देशों के रूप में देखते हैं, जिससे उनका सख्ती से पालन किया जा सके। अपने विवेक का सकारात्मक उपयोग करके ये अधिकारी जटिल या चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों का सामना करने पर भी अपने काम में सफलता प्राप्त करने में सक्षम होते हैं।

उदाहरण के लिए, समाज कल्याण के क्षेत्र में काम करने वाला एक सकारात्मक सोच वाला अधिकारी नियमों और विनियमों को ऐसा माध्यम मान सकता हैं , जो उसे किसी ऐसे परिवार को अतिरिक्त सहायता प्रदान करने की अनुमति देता है जिसे उसकी  सख्त जरूरत है, भले ही वह नियमों में स्पष्ट रूप से उल्लिखित हो या हो।

ऐसे अधिकारी अपने विवेक का इस्तेमाल कर उन लोगों के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं, जिनकी वे सेवा करते हैं और वंचित समुदाय के लिए सकारात्मक परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।

  • दूसरी ओर, नकारात्मक सोच वाले अधिकारी उन्हीं नियमों और विनियमों को अत्यधिक कठोर और अनम्य मान लेते हैं। वे ऐसा मानने लगते हैं कि ऐसे कठोर नियम उनकी कार्यकुशलता पर असर डालेंगे और वे वांछित लक्ष्य नहीं प्राप्त कर पाएंगे। यह मानसिकता उन्हें अपने विवेक का सकारात्मक उपयोग करने से रोक सकती है और अंततः उनके कार्यों में खराब प्रदर्शन का कारण बन सकती है।

उदाहरण के लिए, सार्वजनिक सुरक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले एक नकारात्मक सोच वाला अधिकारी नियमों और विनियमों को स्वयं के और एक समुदाय के बीच संबंध स्थापित करने में बाधा के रूप में ले सकते हैं।

इसके परिणाम स्वरूप समुदाय के साथ संवाद करने और विश्वास स्थापित करने के लिए अपने विवेक का उपयोग करने के बजाय, ये अधिकारी नियमों को दोष देने लगेंगे और फिर समुदाय से दूरी बना लेंगे।

निष्कर्ष:

सिविल सेवकों को अपने काम के प्रति सकारात्मक मानसिकता और दृष्टिकोण अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना आवश्यक है, ताकि वे अपने विवेक का उपयोग इस तरह से कर सकें जिससे वे ,जिस समुदाय की सेवा करना चाहते हैं  उसे लाभ पहुंच सके। ऐसा करके, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि सिविल सेवक सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने में सक्षम होंगे और जिन लोगों की वे सेवा करना चाहते  हैं उनके जीवन में कुछ सार्थक बदलाव ला सकते हैं।

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