View Categories

संघ एवं इसका क्षेत्र (उड़ान)

4 min read

संघ एवं इसका क्षेत्र (उड़ान) #

  • अनुच्छेद 1 से 4, भाग 1 à संघ और उसके संबन्धित क्षेत्रों का विवरण à अनुच्छेद 1 भारत, अर्थात इंडिया, राज्यों का संघ(Union of States) होगा; न कि राज्यों का परिसंघ’(Federation of States) होगा।
  • अनुसूची 1 – राज्यों के नाम और उनके क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र।
  • भारत का क्षेत्र – तीन श्रेणियां à राज्य + संघ राज्यक्षेत्र + अधिग्रहित क्षेत्र
  • राज्यों का क्षेत्र28 राज्य (2020) + 8 संघ राज्यक्षेत्र (2020) à अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (1956) + लक्षद्वीप (1956) + चंडीगढ़ (1966) + राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (1962) + पुदुचेरी (1962) + लद्दाख (2019) + जम्मू और कश्मीर (2019) + दादरा और नगर हवेली व दमन और दीव (2020)
  • संघ राज्यक्षेत्र – केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रण और प्रशासन = इन्हें केंद्र शासित प्रदेश भी कहा जाता है।
  • राज्य – राज्य संघीय प्रणाली के सदस्य हैं और केंद्र के साथ शक्तियों का वितरण साझा करते हैं।
  • केंद्र शासित प्रदेश – सीधे केंद्र सरकार द्वारा प्रशासित|
  • अधिग्रहित क्षेत्र – सीधे केंद्र सरकार द्वारा प्रशासित|
  • पूर्व केंद्र शासित प्रदेश (अब राज्य) – हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश और गोवा।

#

राज्यों का संघ #

  • भारतीय संघ(Indian Union), अमेरिकी परिसंघ(Federation) की भांति राज्यों के मध्य समझौते का परिणाम नहीं है।
  • राज्यों को संघ से अलग होने का कोई अधिकार नहीं है।
भारत का क्षेत्र भारतीय संघ

भारतीय संघ की तुलना में भारत का क्षेत्र की ज्यादा व्यापक अभिव्यक्ति है, क्योंकि इसमें न केवल राज्य शामिल हैं, बल्कि केंद्र शासित प्रदेश और वो क्षेत्र भी शामिल हैं जिन्हें भविष्य में भारत सरकार द्वारा अधिग्रहण किया जा सकता है।

यह भारत का क्षेत्र के सिद्धान्त की तुलना में संकीर्ण अवधारणा है, क्योंकि इसमें केवल राज्य शामिल हैं।

#

जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन 2019 #

  • सन 2019 तक, जम्मू और कश्मीर राज्य का अपना संविधान था और भारतीय संविधान के अनुच्छेद-370 के आधार पर इसे विशेष दर्जा प्राप्त था।
  • 2019 में, राष्ट्रपति के आदेश द्वारा [संविधान आदेश (जम्‍मू और कश्‍मीर में लागू) संशोधन आदेश,2019] इस राज्य का विशेष दर्जा को समाप्त कर दिया गया।
  • जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 ने जम्मू और कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित राज्यों में विभाजित कर दिया
    1. केंद्र शासित राज्य जम्मू और कश्मीर (विधानमंडल के साथ) – कारगिल और लेह जिलों को छोड़कर, इसमें पूर्ववर्ती जम्मू और कश्मीर राज्य के सभी जिले शामिल हैं।
    2. केंद्र शासित राज्य लद्दाख (विधानमंडल के बिना) इसमें कारगिल और लेह जिले शामिल हैं।
  • 100वां संवैधानिक संशोधन अधिनियम (2015) : इस संशोधन के तहत भारत और बांग्लादेश की सरकारों के बीच में हुए समझौते को अनुसरण करते हुए भारत द्वारा शासित प्रदेशों को प्राप्त करने और बांग्लादेश को कुछ प्रदेशों के हस्तांतरण करने का प्रावधान है।

#

केंद्र शासित प्रदेशों का प्रशासन #

  • भाग 8 में अनुच्छेद 239 से 241 तक
  • राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त प्रशासक के माध्यम से प्रशासित
  • प्रशासक राष्ट्रपति का एक एजेंट होता है न कि राज्य का प्रमुख।
  • उप-राज्यपाल àदिल्ली, पुदुचेरी, अंडमान और निकोबार, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख।
  • प्रशासकà चंडीगढ़, दादरा नागर हवेली व दमन और दीव और लक्षद्वीप।
  • दिल्ली, पुदुचेरी और जम्मू और कश्मीर à विधान सभा और मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद।

दिल्ली राज्य विधायिका, समवर्ती सूची और राज्य सूची के अंतर्गत आने वाले विषयों (सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि को छोड़कर) पर कानून बना सकती है।

जम्मू और कश्मीर समवर्ती सूची और राज्य सूची के अंतर्गत आने वाले विषयों (सार्वजनिक व्यवस्था और पुलिस को छोड़कर) पर कानून बना सकती है।

पुदुचेरी समवर्ती सूची और राज्य सूची के अंतर्गत आने वाले विषयों पर कानून बना सकती है।

नोट: संविधान में अधिग्रहित क्षेत्रों के प्रशासन के लिए कोई अलग प्रावधान नहीं है।

#

कानून बनाने के लिए संसद की शक्ति #

  • केंद्रशासित प्रदेशों के लिए संसद तीनों सूचियों (राज्य सूची सहित) के किसी भी विषय पर कानून बना सकती है।
  • राष्ट्रपति अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दादरा और नगर हवेली व दमन और दीव की शांति, प्रगति और अच्छी सरकार के लिए नियम बना सकते हैं।
  • राष्ट्रपति द्वारा बनाए गए नियम, संसद के अधिनियम के समान प्रभावी होतें हैं।
  • संसद, केंद्रशासित प्रदेश के लिए एक उच्च न्यायालय स्थापित कर सकती है।

7वां संविधान संशोधन अधिनियम (1956) : इसके तहत सामान्य हित के मामलों पर सलाह देने के लिए भारत में ज़ोनल काउंसिल (Zonal Councils) का प्रावधान किया गया।

#

दिल्ली के लिए विशेष प्रावधान (अनुच्छेद 239 AA) #

  • 69वां संविधान संशोधन अधिनियम (1991) – दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के रूप में परिभाषित किया गया।
  • दिल्ली के लिये 70 सदस्यीय विधानसभा (सीधे लोगों द्वारा चुना जाना) तथा 7 सदस्यीय मंत्रिपरिषद (10 प्रतिशत) की व्यवस्था भी की गई।
  • भारत के चुनाव आयोग द्वारा चुनाव कराए जाने का प्रावधान।
  • उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री की राय के अंतर के मामले में उपराज्यपाल मामले को राष्ट्रपति के संज्ञान में लाते हें।
  • जब ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है जिसमें क्षेत्र का प्रशासन उपर्युक्त प्रावधानों के अनुसार नहीं चलाया जा सकता है, राष्ट्रपति उपर्युक्त प्रावधानों को निलंबित कर सकते हैं तथा क्षेत्र के प्रशासन के लिए आवश्यक या आकस्मिक प्रावधान बना सकते हैं à अनुच्छेद 356
  • उपराज्यपाल को अध्यादेश (ordinance) प्रख्यापित (promulgate) की शक्ति प्रदान की गयी है à अध्यादेश को विधानसभा द्वारा छह सप्ताह के भीतर अनुमोदित करना।

उपराज्यपाल और उनके मंत्रियों के बीच मतभेद के मामले में, लेफ्टिनेंट गवर्नर मामले को राष्ट्रपति के संज्ञान में लाते हें तथा उनके फैसले के अनुसार कार्य करतें हैं।

#

केंद्र शासित प्रदेशों के लिए परामर्शी समितियाँ #

  • भारत सरकार(कार्यवाही आवंटन ) नियम, 1961 à गृह मंत्रालय, केंद्र शासित प्रदेशों के कानून, वित्त और बजट से संबंधित सभी मामलों के लिए नोडल मंत्रालय है।
  • सभी पाँच केंद्र शासित प्रदेश (विधायिका के बिना) àअंडमान और निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली व दमन और दीव, लक्षद्वीप और लद्दाख à इन केंद्र शासित प्रदेशों में गृह मंत्री सलाहकार समिति (HMAC) / प्रशासनिक सलाहकार समिति (AAC) का फोरम है।
  • गृह मंत्री सलाहकार समिति (HMAC) की अध्यक्षता केंद्रीय गृह मंत्री द्वारा की जाती है।
  • प्रशासनिक सलाहकार समिति (AAC) की अध्यक्षता केंद्र शासित प्रदेश के संबंधित प्रशासक द्वारा की जाती है।

राज्य केंद्र शासित प्रदेश
केंद्र के साथ संबंध संघीय है। एकात्मक संबंध होता है।
शक्तियों का केंद्र के साथ साझा वितरण करते हैं। इनका प्रशासन और नियंत्रण सीधे केंद्र द्वारा किया जाता है।
स्वायत्तता रखते हैं। स्वायत्तता नहीं रखते हैं।
प्रशासनिक व्यवस्था में एकरूपता होती है।

प्रशासनिक व्यवस्था में एकरूपता नहीं होती है।
कार्यकारी प्रमुख राज्यपाल होतें हैं। कार्यकारी प्रमुख को विभिन्न पदनाम से जाना जाता है:

o प्रशासक

o उपराज्यपाल

o मुख्य आयुक्त

राज्यपाल राज्य का संवैधानिक प्रमुख होता है प्रशासक राष्ट्रपति के एजेंट के रूप मैं काम करतें हैं।
संसद, अति विशिष्ट परिस्थितियों को छोड़कर राज्यों से संबन्धित राज्य सूची के विषयों पर कानून नहीं बना सकती है। संसद, केंद्र शासित प्रदेशों के संबंध में राज्य सूची के अंतर्गत तीन सूचियों के किसी भी विषय पर कानून बना सकती है।
Know about Physics Wallah

Physics Wallah is an Indian online education platform, that provides accessible & comprehensive learning experiences to students of classes 6 to 12 and those preparing for JEE and NEET exams. We also provide extensive NCERT solutions, sample papers, NEET, JEE Mains, BITSAT previous year papers, which makes us a one-stop solution for all resources. Physics Wallah also caters to over 3.5 million registered students and over 78 lakh+ Youtube subscribers with 4.8 rating on its app.

We Stand Out because

We successfully provide students with intensive courses by India's qualified & experienced faculties. PW strives to make the learning experience comprehensive and accessible for students of all sections of society. We believe in empowering every single student who couldn't dream of a good career in engineering and medical field earlier.

Our Key Focus Areas

Physics Wallah’s main focus is to create accessible learning experiences for students all over India. With courses like Lakshya, Udaan, Arjuna & many others, we have been able to provide a ready solution for lakhs of aspirants. From providing Chemistry, Maths, Physics formulae to giving e-books of eminent authors, PW aims to provide reliable solutions for student prep.

What Makes Us Different

Physics Wallah strives to develop a comprehensive pedagogical structure for students, where they get a state-of-the-art learning experience with study material and resources. Apart from catering students preparing for JEE Mains and NEET, PW also provides study material for each state board like Uttar Pradesh, Bihar, and others.

Aiming for UPSC?

Download Our App

# #
Quick Revise Now !
AVAILABLE FOR DOWNLOAD SOON
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध
Quick Revise Now !
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध

<div class="new-fform">






    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.