गैर– संवैधानिक निकाय (उड़ान) # |
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तथा राज्य मानवाधिकार आयोग |
निकाय | राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग | राज्य मानवाधिकार आयोग |
स्थापना |
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संरचना |
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योग्यता |
o उच्चतम न्यायालय में कार्यरत या सेवानिवृत्त न्यायाधीश; o उच्च न्यायालय का कार्यरत या सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश o 3 अन्य को (कम से कम एक महिला सदस्य)मानवाधिकार से संबंधित जानकारी अथवा कार्यानुभव होना चाहिए।
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• उच्च न्यायालय के वर्तमान अथवा सेवानिवृत्त न्यायाधीश या राज्य के जिला न्यायालय के कोई न्यायाधीश, जिसे सात वर्ष का अनुभव हो; • कोई ऐसा व्यक्ति जिसे मानवाधिकारों के बारे में विशेष अनुभव हो। |
नियुक्ति |
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कार्यकाल |
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वेतन |
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इस्तीफा |
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निष्कासन प्रक्रिया |
• यदि वह दिवालिया हो जाए; या • यदि वह अपने कार्यकाल के दौरान अपने कार्य क्षेत्र से बाहर से किसी प्रदत रोजगार में संलिप्त होता है; या • यदि वह मानसिक व शारीरिक कारणों से कार्य करने में असमर्थ हों; या • यदि वह मानसिक रूप से अस्वस्थ हो तथा सक्षम न्यायालय ऐसी घोषणा करें; या • यदि वह न्यायालय द्वारा किसी अपराध का दोषी व सजा प्राप्त किया हो।
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विविध |
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केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो |
- भ्रष्टाचार पर बनी संथानम समिति की सिफारिशों के आधार पर एक संकल्प के साथ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो का गठन किया गया है। इसे दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम, 1946 से शक्ति मिलती है।
- यह कोई वैधानिक संस्था नहीं है। यह कार्मिक मंत्रालय के अंतर्गत आती है तथा उसकी स्थिति एक संबंध कार्यालय के रूप में है।
- संरचना: सी.बी.आई. का प्रमुख निदेशक होता है। केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम,2003 के द्वारा सी.बी.आई. निदेशक को दो वर्षों की कार्य अवधि की सुरक्षा मिलती है। इसके अतिरिक्त, अनेक संयुक्त निदेशक, उप-महानिरीक्षक, पुलिस अधीक्षक तथा पुलिस कार्मिकों के अन्य रैंक होते हैं।
- निदेशक की नियुक्ति: प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली एक 3 सदस्यीय समिति की अनुशंसा पर किया जाता है।
- इस समिति में प्रधानमंत्री अध्यक्ष के रूप में जबकि अन्य सदस्यों के रूप में लोक सभा के विपक्ष का नेता तथा भारत के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित सर्वोच्च न्यायालय का कोई न्यायाधीश होता है।
- सीबीआई के द्वारा भ्रष्टाचार, आर्थिक अपराध तथा वैसे संगठित अपराध जो आतंकवाद की श्रेणी में नहीं आते हैं, की जांच की जाती है। जबकि राष्ट्रीय जांच एजेंसी के द्वारा आतंकवाद संबंधित अपराध जैसे आतंकवादी हमलों, आतंकवाद का वित्त पोषण आदि की जांच की जाती है। सीबीआई के द्वारा केंद्रीय सतर्कता आयोग तथा लोकपाल को भी सहयोग प्रदान किया जाता है।
- सीबीआई भारत में इंटरपोल के “नेशनल सेंट्रल ब्यूरो” के रूप में भी कार्य करती है।
केंद्रीय एवं राज्य सूचना आयोग तथा केंद्रीय सतर्कता आयोग |
निकाय | केंद्रीय/राज्य सूचना आयोग | केंद्रीय सतर्कता आयोग |
गठन |
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संरचना |
1. बहु सदस्यीय संस्था
2. एक मुख्य आयुक्त एवं सूचना आयुक्त (जिनकी संख्या 10 से अधिक नहीं होनी चाहिए)। 3. केंद्रीय सूचना आयोग – वर्तमान में अध्यक्ष + 6 अन्य सूचना आयुक्त |
4. बहु सदस्यीय संस्था
5. केंद्रीय सतर्कता आयुक्त एवं अन्य सतर्कता आयुक्त (2 से अधिक नहीं)। |
नियुक्ति |
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कार्यकाल |
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योग्यता/वेतन |
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इस्तीफा |
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निष्कासन प्रक्रिया |
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लोकपाल |
निकाय | लोकपाल |
गठन |
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संरचना |
6. यह एक बहु सदस्यीय निकाय है।
7. इसमें अध्यक्ष तथा अधिकतम 8 सदस्य(50% न्यायिक सदस्य) होते हैं। 8. कम से कम 50% सदस्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ी जाति, अल्पसंख्यक समुदाय तथा महिला के बीच से होने चाहिए। |
योग्यता |
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नियुक्ति |
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कार्यकाल/वेतनमान |
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इस्तीफा |
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विविध |
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