View Categories

संविधान संशोधन (उड़ान)

3 min read

संविधान संशोधन (उड़ान)

  • भारत के संविधान में संशोधन करने का उद्देश्य देश के मौलिक कानून या सर्वोच्च कानून को बदलावों के माध्यम से और मजबूत करना है। संविधान के भाग XX में संशोधन की प्रक्रिया दी गई है। (अनुच्छेद 368)
  • संविधान संशोधन की प्रक्रिया न तो ब्रिटेन के समान लचीली है और न ही यूएसए के समान कठोर। यह दोनों का सम्मिलित रूप है। संसद सविधान में संशोधन तो कर सकती है लेकिन मूल ढांचे से जुड़े प्रावधानों को संशोधित नहीं कर सकती है। (केशवानन्द भारती वाद, 1973)
  • संविधान संशोधन के प्रावधान दक्षिण अफ्रीका के संविधान से लिए गए हैं।
  • अनुच्छेद 368 को 24वें और 42वें सशोधन द्वारा क्रमश: 1971 और 1976 में संशोधित किया गया है।

संविधान संशोधन की प्रक्रिया (अनुच्छेद 368)

विधेयक की प्रस्तुति संविधान संशोधन विधेयक को संसद के किसी भी सदन में प्रस्तुत किया जा सकता है।
कौन प्रस्तुत कर सकता है? इसे मंत्री या किसी भी निजी सदस्य द्वारा प्रस्तुत किया जा सकता है।
राष्ट्रपति की भूमिका ऐसे विधेयक को प्रस्तुत करने के लिए राष्ट्रपति की पूर्व अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है।

पारित करने के लिए आवश्यक बहुमत

विशेष बहुमतà सदन के कुल सदस्यों का बहुमत + सदन में उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों का 2/3 बहुमत। (50%+ उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों का 2/3)
सदन द्वारा पारित किया जाना दोनों सदनों द्वारा विधेयक को विशेष बहुमत से पारित किया जाना आवश्यक।
संयुक्त अधिवेशन (अनुच्छेद 108) संविधान संशोधन विधेयक पर सदनों की संयुक्त बैठक का प्रावधान नहीं है।
संघात्मक प्रावधानों में संशोधन विशेष बहुमत + आधे राज्यों की विधानमंडल के साधारण बहुमत से संस्तुति

विधेयक को स्वीकृति देने में राष्ट्रपति की भूमिका

24वां संविधान संशोधन­­— इसके द्वारा अनुच्छेद 368 में संशोधन करके यह प्रावधान किया गया कि संसद, संविधान के किसी भी प्रावधान को संशोधित कर सकती है। साथ यह भी प्रावधान किया गया कि राष्ट्रपति दोनों सदनों से पारित संविधान सशोधन विधेयक पर हस्ताक्षर करने के लिए बाध्य है।
संविधान संशोधन में राज्य विधानमंडल की भूमिका राज्य विधानमंडल में संविधान संशोधन विधेयक प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है।

बहुमत के प्रकार:

साधारण बहुमत विशेष बहुमत संसद का विशेष बहुमत और आधे राज्यों की सहमति
  • प्रत्येक सदन में उपस्थित एवं मतदान करने वाले सदस्यों का बहुमत।
  • यह एक सामान्य कानून पारित करने के ही समान है।
  • ऐसे संशोधनों को अनुच्छेद 368 के तहत किया गया संशोधन नहीं माना जाता है।
  • उदाहरण: हाल ही में सर्वोच्च नयायालय के न्यायाधीशों की संख्या 31 से बढ़ाकर 34 की गयी है।
  • सदन के कुल सदस्यों का बहुमत (रिक्तियों और अनुपस्थित सहित) और प्रत्येक सदन के उपस्थित एवं मतदान करने वाले सदस्यों का दो-तिहाई बहुमत।
  • उदाहरण: 103वें संशोधन के माध्यम से आर्थिक रूप से पिछलड़े वर्गों के लिए 10% आरक्षण।
  • विशेष बहुमत + आधे राज्यों की विधानमंडल के साधारण बहुमत से संस्तुति।
  • ज़्यादातर संघीय प्रावधानों इसी प्रक्रिया द्वारा संशोधित किया जाता है।
  • उदाहरण: जीएसटी से संबंधित 101वां संशोधन।

विभिन्न प्रावधान और आवश्यक बहुमत के प्रकार

साधारण बहुमत

  • नए राज्यों का प्रवेश/स्थापना (अनुच्छेद 2)
  • नए राज्यों का गठन और मौजूदा राज्यों की सीमा और नाम में परिवर्तन (अनुच्छेद 3)
  • दूसरी अनुसूची (वेतन, भत्ते और विशेषाधिकार)
  • राज्यों में विधान परिषद का गठन/उत्सादन (अनुच्छेद 169)
  • संसद में गणपूर्ति (अनुच्छेद 100)
  • संसद सदस्यों का वेतन और भत्ता (अनुच्छेद 106)
  • संसद की प्रक्रिया के नियम (अनुच्छेद 118)
  • संसद में अंग्रेजी का उपयोग
  • सर्वोच्च न्यायालय में जजों की संख्या
  • संसद, उसके सदस्यों और समितियों के विशेषाधिकार (अनुच्छेद 105)
  • सर्वोच्च न्यायालय की अधिकारिता में वृद्धि (अनुच्छेद 138)
  • आधिकारिक भाषा का उपयोग (अनुच्छेद 343)
  • नागरिकता (अनुच्छेद 5-11)
  • संसद और राज्य विधानसभाओं के चुनाव
  • निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन (अनुच्छेद 82)
  • छठवीं अनुसूची (अनुच्छेद 244)
  • केंद्र शासित प्रदेश
  • पांचवीं अनुसूची [अनुच्छेद 244 (1)]

विशेष बहुमत

  • मूल अधिकार
  • राज्य के नीति निदेशक तत्व
  • वे सभी प्रावधान जो अन्य 2 प्रकारों में शामिल नहीं हैं।

संसद का विशेष बहुमत + आधे राज्यों की सहमति

  • राष्ट्रपति का निर्वाचन और निर्वाचन की रीति (अनुच्छेद 54, 55)
  • केंद्र और राज्यों की कार्यकारी शक्तियों में विस्तार
  • सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय (अनुच्छेद 124 और 214)
  • केंद्र और राज्यों के बीच विधायी शक्तियों का वितरण
  • सातवीं अनुसूची (अनुच्छेद 246)
  • संसद में राज्यों का प्रतिनिधित्व
  • अनुच्छेद 368

हालिया संविधान संशोधन:

99वां संशोधन 2014 राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग
100वां संशोधन 2015 भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा क्षेत्र में कुछ भू-भागों का आदान-प्रदान
101वां संशोधन 2017 1 जुलाई 2017 से वस्तु एवं सेवा कर को लागू किया जाना
102वां संशोधन 2018 राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा
103वां संशोधन 2019 103वें संशोधन के माध्यम से आर्थिक रूप से पिछलड़े वर्गों के लिए 10% आरक्षण।
104वां संशोधन 2020 लोकसभा और राज्य विधानसभा में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण की समय सीमा में वृद्धि।

संशोधन प्रक्रिया की आलोचना:

राज्य विधानमंडल में संशोधन की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकती (सिर्फ संसद द्वारा ही) + राज्य सिर्फ एक ही संशोधन के लिय प्रस्ताव कर सकती हैराज्य विधान परिषद के गठन के लिए + संविधान में यह समय सीमा नहीं दी गयी है कि राज्य विधानमंडल कितने दिनों के अंदर संशोधन विधेयक पर संस्तुति देगी या नहीं देगी + संविधान इस बात पर भी मौन है कि एक बार संस्तुति देने के बाद राज्य विधानमंडल अपनी संस्तुति को वापस ले सकता है या नहीं + संशोधन के लिए विशेष संस्था का अभाव + कुछ ही मामलों में राज्य विधानमंडल की संस्तुति की आवश्यकता + संयुक्त सत्र का कोई प्रावधान न होना + अस्पष्ट प्रावधानों के कारण न्यायालयीन हस्तक्षेप की व्यापक संभावना।

THE MOST
LEARNING PLATFORM

Learn From India's Best Faculty

      

Download October 2024 Current Affairs.   Srijan 2025 Program (Prelims+Mains) !     Current Affairs Plus By Sumit Sir   UPSC Prelims2025 Test Series.    IDMP – Self Study Program 2025.

 

Quick Revise Now !
AVAILABLE FOR DOWNLOAD SOON
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध
Quick Revise Now !
UDAAN PRELIMS WALLAH
Comprehensive coverage with a concise format
Integration of PYQ within the booklet
Designed as per recent trends of Prelims questions
हिंदी में भी उपलब्ध

<div class="new-fform">







    </div>

    Subscribe our Newsletter
    Sign up now for our exclusive newsletter and be the first to know about our latest Initiatives, Quality Content, and much more.
    *Promise! We won't spam you.
    Yes! I want to Subscribe.